खाटू श्याम जी का व्रत कैसे रखा जाता है?

 

खाटू श्याम जी का व्रत कैसे रखें: संपूर्ण विधि और नियम 

जय श्री श्याम! कलयुग के प्रत्यक्ष देवता, हारे का सहारा, खाटू श्याम बाबा की महिमा अपरंपार है। बाबा श्याम का व्रत रखने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यदि आप भी खाटू श्याम जी का व्रत रखने का सोच रहे हैं, तो यह विस्तृत मार्गदर्शिका आपके लिए है। यहां हम आपको व्रत की संपूर्ण विधि, नियम और महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताएंगे ताकि आप पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ बाबा की कृपा प्राप्त कर सकें।

 

खाटू श्याम जी का व्रत कैसे रखा जाता है?

 

 

खाटू श्याम जी का व्रत कब रखा जाता है?

खाटू श्याम जी का व्रत विशेष रूप से एकादशी तिथि को रखा जाता है। हर महीने दो एकादशियां आती हैं - शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में। इनमें से शुक्ल पक्ष की एकादशी को बाबा श्याम के भक्त विशेष रूप से व्रत रखते हैं। बाबा श्याम का जन्मदिन भी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है, इसलिए यह तिथि अत्यंत शुभ मानी जाती है। कुछ भक्त ग्यारस (एकादशी) और बारस (द्वादशी) दोनों दिन का व्रत भी रखते हैं।

व्रत रखने की तैयारी:

व्रत शुरू करने से एक दिन पहले, यानी दशमी तिथि की शाम से ही कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:

·         सात्विक भोजन: दशमी की शाम से ही प्याज, लहसुन और तामसिक भोजन का सेवन बंद कर दें। केवल सात्विक भोजन ग्रहण करें।

·         मन की शुद्धि: व्रत से पहले अपने मन को शांत और पवित्र करें। किसी भी प्रकार के बुरे विचार या क्रोध से बचें।

·         संकल्प: व्रत रखने से पहले बाबा श्याम का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें।

खाटू श्याम जी का व्रत कैसे रखें: संपूर्ण विधि

1.      सुबह उठकर स्नान: एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

2.      पूजा स्थल की शुद्धि: घर के पूजा स्थल को गंगाजल छिड़क कर शुद्ध करें।

3.      बाबा की चौकी स्थापित करें: एक साफ चौकी पर बाबा खाटू श्याम जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

4.      पंचामृत से स्नान: बाबा की प्रतिमा को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का मिश्रण) से स्नान कराएं।

5.      नए वस्त्र और श्रृंगार: बाबा को साफ और नए वस्त्र पहनाएं। उन्हें फूलों (विशेषकर गुलाब के फूल) की माला और इत्र चढ़ाएं।

6.      दीपक और धूप: बाबा के समक्ष शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित करें और धूप जलाएं।

7.      भोग अर्पित करें: बाबा श्याम को खीर, चूरमा, मिश्री, मौसमी फल और गौ माता का कच्चा दूध विशेष रूप से प्रिय है। इन चीजों का भोग लगाएं। तुलसी का पत्ता भोग में अवश्य रखें।

8.      मंत्र जाप और आरती: बाबा श्याम के मंत्रों का जाप करें, जैसे "जय श्री श्याम" या "हारे का सहारा, बाबा श्याम हमारा" इसके बाद श्रद्धापूर्वक बाबा श्याम की आरती करें। आप श्याम चालीसा और हनुमान चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं।

9.      ध्यान और प्रार्थना: आंखें बंद करके बाबा श्याम का ध्यान करें और अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करें।

10.  दिनभर फलाहार: एकादशी के दिन अन्न ग्रहण करें। आप दिनभर फलाहार (फल, दूध, जूस, सूखे मेवे आदि) ले सकते हैं। बार-बार खाने से बचें।

11.  मधुर वचन और शांति: पूरे दिन मधुर वचन बोलें और क्रोध से बचें। मन को शांत रखें और बाबा का स्मरण करते रहें।

व्रत पारण (द्वादशी के दिन):

एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि को सूर्योदय के बाद ही करना चाहिए।

1.      पुनः पूजा: द्वादशी के दिन सुबह स्नान करके पुनः बाबा श्याम की पूजा करें।

2.      भोग और ज्योत: बाबा श्याम की ज्योत जलाएं और उन्हें खीर, चूरमा, और कच्चे दूध का भोग लगाएं।

3.      दान: अपनी क्षमता अनुसार किसी ब्राह्मण, गरीब या जरूरतमंद को भोजन कराएं या दान दें। गौ माता को रोटी खिलाएं।

4.      व्रत खोलना: बाबा श्याम को भोग लगाने और दान करने के बाद ही स्वयं व्रत का पारण करें। पारण के समय सात्विक भोजन ही ग्रहण करें, जिसमें प्याज-लहसुन का प्रयोग हो।

महत्वपूर्ण बातें और नियम:

·         सच्ची श्रद्धा: बाबा श्याम का व्रत सच्ची श्रद्धा और निष्ठा से ही रखना चाहिए। दिखावे के लिए व्रत करें।

·         शारीरिक क्षमता: अपनी शारीरिक क्षमता का ध्यान रखें। यदि आप निर्जला व्रत नहीं कर सकते, तो फलाहार ले सकते हैं। यदि आपका शरीर व्रत के लायक नहीं है और व्रत रखने से आपको कोई दिक्कत होती है, तो ऐसे व्रत रखना शुभकारी नहीं माना जाता।

·         नकारात्मकता से बचें: मन में किसी भी प्रकार की नकारात्मकता लाएं।

·         चरणामृत का महत्व: यदि आप निर्जला व्रत करते हैं, तो व्रत पारण के समय बाबा श्याम के पंचामृत का प्रसाद ग्रहण करके अपने व्रत का पारण कर सकते हैं।

·         नंगे पैर चलें: पूजा के दौरान या व्रत के समय नंगे पैर बाहर निकलें।

·         प्रसाद वितरण: बाबा श्याम का प्रसाद जितना अधिक बांटा जाए, उतना ही पुण्य मिलता है। विशेषकर जरूरतमंदों को प्रसाद देना अत्यधिक फलदायी माना जाता है।

·         'श्याम' नाम का जाप: दर्शन के बाद या दिनभर "श्याम" नाम का जाप करते रहें (जैसे 11, 51 या 108 बार) इससे बाबा की कृपा शीघ्र मिलती है।

·         मनौती पूरी करें: यदि आपने बाबा से कोई मनौती मांगी है और आपकी मनोकामना पूरी हो गई है, तो उस संकल्प को पूरा करना भूलें।

इन नियमों और विधि का पालन करते हुए यदि आप खाटू श्याम जी का व्रत रखते हैं, तो बाबा श्याम निश्चित रूप से आपकी सभी इच्छाएं पूरी करेंगे और आपको अपना आशीर्वाद प्रदान करेंगे। जय श्री श्याम!

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